बसंत पंचमी पर्व पर पीले रंग का उपयोग करने का बहुत ही महत्व होता है
। पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं और पीले रंग का पूजन किया जाता है, क्योंकि पीला रंग समृद्धि ऊर्जा और प्रकाश का प्रतीक है। बसंत ऋतु में फसलें पकने लगती हैं और पीले फूल भी खिलने लगते हैं। हिंदू धर्म में पीले रंग को शुभ माना गया है। यह निर्मलता का प्रतीक माना जाता है। पीला रंग डिप्रेशन दूर करने में भी सहायक होता है। यह उत्साह बढ़ाता है और ख़ुशी का एहसास कराता है।
बसंत पंचमी की प्राचीन कथा -
सृष्टि की रचना करते समय ब्रह्मा जी ने जीवो की रचना करने के बाद भी चारों ओर सन्नाटा महसूस किया, इसलिए उन्होंने विष्णु जी से अनुमति लेकर अपने कमंडल से पृथ्वी पर जल छिड़का जिससे 6 भुजा वाली शक्ति रुपी devi पहले हाथ में पुस्तक, दूसरे हाथ में फूल, तीसरे और चौथे हाथ में कमंडल और शेष दो हाथों में वीणा और माला लिए प्रकट हुई। ब्रह्मा जी ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया, जैसे ही देवी ने वीणा का मधुर स्वर निकाला चारों और ज्ञान और उत्सव का प्रकाश फैल गया। वैदिक मंत्र गूंजने लगे, ऋषियों ने ज्ञान की इस लहर को संचित कर लिया।
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